हमें मारना हाथों से,
हमें मारना हाथों से,
और डांटना बातों से।
हमें नहीं कुछ होने वाला,
बस रोएंगे आंखों से।
मन में हम संताप करेंगे,
गलती में सुधार करेंगे।
होंगे अच्छे बच्चे हम,
फिर न ऐसा काम करेंगे।
जब जाएंगे निकट आपके,
न करना तिरस्कार हमारा।
आपकी इच्छा है पथ हमारा,
ले लेना आप प्यार हमारा।
हम विभत्स के तत्व मिटाकर,
प्रेम प्रसून मन से सुरभीत कर।
नित नवीन सत्कर्मों से फिर,
भारत को स्वर्ग बनाएंगे।