Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2024 · 1 min read

“हमें चाहिए बस ऐसा व्यक्तित्व”

“हमें चाहिए बस ऐसा व्यक्तित्व”
हमें चाहिए बस ऐसा व्यक्तित्व
जो काफ़ी ऊंचाई पर भी चढ़ जाए
फिर भी सबको एक नज़रिए से ही देखे….
छोटे-बड़े में कोई विभेद ना करे….
गर ऐसा नेकदिल इंसान मुझे मिल जाए
तो यकीन मानिए मैं उसे आसमान पर
बिठाना पसंद करूंगा…
… अजित कर्ण ✍️

1 Like · 89 Views

You may also like these posts

कभी कभी एक पल
कभी कभी एक पल
Mamta Rani
फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)
फिर से राम अयोध्या आए, रामराज्य को लाने को (गीत)
Ravi Prakash
खुद का साथ
खुद का साथ
Vivek Pandey
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
जय शारदा माँ
जय शारदा माँ
Mahesh Jain 'Jyoti'
🙅fact🙅
🙅fact🙅
*प्रणय*
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
समय का निवेश:
समय का निवेश:
पूर्वार्थ
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
Lokesh Sharma
बीता हुआ कल
बीता हुआ कल
dr rajmati Surana
वजह.तुम हो गये
वजह.तुम हो गये
Sonu sugandh
4309.💐 *पूर्णिका* 💐
4309.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
है कहीं धूप तो  फिर  कही  छांव  है
है कहीं धूप तो फिर कही छांव है
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
शिव प्रताप लोधी
नजर से मिली नजर....
नजर से मिली नजर....
Harminder Kaur
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
Indu Singh
विषय-मेरा गाँव।
विषय-मेरा गाँव।
Priya princess panwar
आज अचानक आये थे
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
मेरा भारत बदल रहा है! (भाग 2)
मेरा भारत बदल रहा है! (भाग 2)
Jaikrishan Uniyal
सहारा
सहारा
Neeraj Agarwal
जमी से आसमा तक तेरी छांव रहे,
जमी से आसमा तक तेरी छांव रहे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
आगे का सफर
आगे का सफर
Shashi Mahajan
बचपन फिर लौट कर ना आया
बचपन फिर लौट कर ना आया
डॉ. एकान्त नेगी
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ख़त्म अपना
ख़त्म अपना
Dr fauzia Naseem shad
गांवों की सिमटती हरियाली
गांवों की सिमटती हरियाली
Sudhir srivastava
" सफलता "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...