Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

हमें क़िस्मत ने

ज़िंदगी ने कहाँ सताया है,
हमें क़िस्मत ने आज़माया है।

याद रक्खा नहीं भुलाया है।
दिल मेरा किस क़दर दुखाया है।

लौट आओगे एक दिन तुम भी,
दीप उम्मीद का जलाया है।

बेबसी इस क़दर रही दिल की,
नाम लिख कर तेरा मिटाया है।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
4 Likes · 84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
*प्रणय*
जब तुम हारने लग जाना,तो ध्यान करना कि,
जब तुम हारने लग जाना,तो ध्यान करना कि,
पूर्वार्थ
पाप पंक पर बैठ कर ,
पाप पंक पर बैठ कर ,
sushil sarna
संगीत
संगीत
Vedha Singh
रख लेना तुम सम्भाल कर
रख लेना तुम सम्भाल कर
Pramila sultan
आटा
आटा
संजय कुमार संजू
ये बेटा तेरा मर जाएगा
ये बेटा तेरा मर जाएगा
Basant Bhagawan Roy
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
Nazir Nazar
कुछ कहमुकरियाँ....
कुछ कहमुकरियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*बाढ़*
*बाढ़*
Dr. Priya Gupta
*जो सजे मेज पर फल हैं सब, चित्रों के जैसे लगते हैं (राधेश्या
*जो सजे मेज पर फल हैं सब, चित्रों के जैसे लगते हैं (राधेश्या
Ravi Prakash
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
काश तुम मेरी जिंदगी में होते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आपका हर दिन तरक्की बाला हो,
आपका हर दिन तरक्की बाला हो,
Phool gufran
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*
*"ओ पथिक"*
Shashi kala vyas
World Earth Day
World Earth Day
Tushar Jagawat
क्यों बदल जाते हैं लोग
क्यों बदल जाते हैं लोग
VINOD CHAUHAN
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
चांद सितारे चाहत हैं तुम्हारी......
Neeraj Agarwal
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
"हटकर"
Dr. Kishan tandon kranti
****तुलसीदास****
****तुलसीदास****
Kavita Chouhan
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
देवी महात्म्य प्रथम अंक
देवी महात्म्य प्रथम अंक
मधुसूदन गौतम
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
******छोटी चिड़ियाँ*******
******छोटी चिड़ियाँ*******
Dr. Vaishali Verma
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
एकतरफ़ा इश्क
एकतरफ़ा इश्क
Dipak Kumar "Girja"
3211.*पूर्णिका*
3211.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...