“ हमें इतना बड़ा नहीं बनना चाहिए कि हमसे सब दूरी बनाए रखें “
“ हमें इतना बड़ा नहीं बनना चाहिए कि हमसे सब दूरी बनाए रखें “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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कुछ विचित्र सी धारणायें—- ,हम उम्र में बड़े हैं ,हम पढे -लिखे अधिक हैं ,हम लेखक हैं ,साहित्यकार हैं ,कवि हैं ,कथाकार हैं ,सुपर स्टार हैं ,नेता हैं ,अभिनेता हैं ,राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हैं इत्यादि –को लेकर हम अपनी बाहें जब उमेठने लगते हैं तो शायद ही कोई हमारे साथ रहता है ! लोगों की उपलब्धियां दूसरे लोग स्वयं जान जाते हैं ! जब हम अपनी उपलब्धियों के प्रचार -प्रसार में खुद लग जाते हैं तो लोग क्षणिक बधाइयाँ ,प्रशंसा ,शुभकामना देते हैं और अधिकाशतः क्रमशः लोग दूरियाँ बनाने लगते हैं ! रहीम जी की पंक्तिओं को हम सदा तोते की तरह रटते रहते हैं ,” बड़े बड़ाई ना करे बड़े ना बोले बोल “ पर हम मूढ़तावश वही करते हैं ! अपना प्रचार ,अपना प्रमोशन ! शालीनता ,शिष्टता ,मधुर्यता ,सामाजिकता और व्यवहार कोसों दूर चले जाते हैं ! फिर हमें लोग “ घमंडी “ कहने लगते हैं ! हम जब भी किसी रास्ते से गुजरते हैं लोग हमें देखकर अपनी राहें बदल देते हैं ! सामना करने से वो कतराते हैं ! ये बातें पहले भी थीं और आज भी है ! पहले ये विधायें नहीं थीं ! इसलिए अधिकांशतः उजागर नहीं हो पाता था !
आज कल हम लोगों से जुड़ते हैं ! सोशल मीडिया का युग आ गया ! छोटे ,बड़े सबलोग फेसबूक के माध्यम से जुड़ जाते हैं ! अब हम सीमित दायरों में लोगों से नहीं जुड़ रहे बल्कि सारे विश्व से जुडने लगे हैं ! हमारी गतिविधिओं पर सबकी निगाहें रहती हैं ! कहने के लिए हम फेसबूक दोस्त बन गए पर उन विचारों को हम छोड़ नहीं सके ! हम अपनी श्रेष्टता को दर्शाने से परहेज नहीं कर सकते ! पर एक बात को हम ना पहले झुठला पा रहे थे और ना आज भी झुठला सकते हैं ! आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो प्रतिभा सम्पन्य होने के बाबजुद कभी अपनो को व्यक्त तक नहीं किया करते ! उन्हें अविवादित सम्मान मिलता है, और मिलता रहेगा ! हमें कोई भूले -भटके कुछ संदेश भेजता है तो हम पुँछते हैं ,” तो हम क्या करें ? आपने हमको क्यों भेजा है ? “ हमारी आँखों में माँस की झिल्लियाँ फेलने लगी है ! हम अपनी धुँधली नजरों से उनकी भेजी हुयी बातों को ना पढ़ते हैं और ना जानना चाहते हैं बस नजर अंदाज कर देते हैं !
बड़े हम हैं ,अनुभव हमें है ! लोगों को अपनी बात कहने का मौका चाहिए ! हम उन्हें सुनेंगे नहीं ,समझेंगे नहीं और अवहेलना करेंगे तो पहले तो लोग अपनी राहें बदल देते थे अब शायद हम से लोग जुड़े रहेंगे ! लोगों से जिस तरह तीव्रता से जुड़ते हैं उसी तीव्रता से हमको “अनफॉलो “ ,” अनफ्रेंड “और “ ब्लॉक “ कर देंगे ! “ हमें इतना बड़ा नहीं बनना चाहिए कि हमसे सब दूरी बनाए रखें “!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड
भारत
13.07.2021.