Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2021 · 1 min read

हमारे शहर का मंज़र बदलने वाला है

हमारे शहर का मंज़र बदलने वाला है
सियाह रात में सूरज निकलने वाला है

नया लिबास जो हर दिन बदलने वाला है
अमीर-ए-शहर के टुकड़ों पे पलने वाला है

ये और बात मिटा दें हरीफ़ तहरीरें
मिरा क़लम तो हक़ीक़त उगलने वाला है

हवा से कह दो के अब एहतिमाम से आए
फिर इक चराग़ दरीचे पे जलने वाला है

ये किस मक़ाम पे लाई है बे-बसी मुझ को
मिरा वुजूद तो ख़ुशबू में पलने वाला है

लिबास, शक्ल, रिफ़ाक़त, ख़ुलूस, महर-ओ-वफ़ा
इस इंकिलाब में सब कुछ बदलने वाला है

किसी भी शक्ल में फ़ितरत बदल नहीं सकती
ये कौन कहता है पत्थर पिघलने वाला है

4 Likes · 2 Comments · 309 Views

You may also like these posts

नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
गुजरा जमाना
गुजरा जमाना
Dr.Archannaa Mishraa
सोच ही सोच में
सोच ही सोच में
gurudeenverma198
হরির গান
হরির গান
Arghyadeep Chakraborty
3119.*पूर्णिका*
3119.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" कुनबा "
Dr. Kishan tandon kranti
सुंदरता की देवी 🙏
सुंदरता की देवी 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
ख्वाब
ख्वाब
Dinesh Kumar Gangwar
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
Ranjeet kumar patre
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
Ajit Kumar "Karn"
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
Poonam Matia
विनती
विनती
Mahesh Jain 'Jyoti'
दुनिया बदल सकता है -
दुनिया बदल सकता है -
bharat gehlot
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
*जनहित में विद्यालय जिनकी, रचना उन्हें प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
इश्क़ में वक्त को बुरा कह देना बिल्कुल ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कातिल है अंधेरा
कातिल है अंधेरा
Kshma Urmila
💐प्रेम कौतुक-563💐
💐प्रेम कौतुक-563💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
Indu Singh
फूलों से सीखें महकना
फूलों से सीखें महकना
भगवती पारीक 'मनु'
" बादल या नैना बरसे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं।
Manisha Manjari
जिस्म से रूह को लेने,
जिस्म से रूह को लेने,
Pramila sultan
तन्हाई में अपनी
तन्हाई में अपनी
हिमांशु Kulshrestha
फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा,
फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा,
Kalamkash
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मनभावन बसंत
मनभावन बसंत
Pushpa Tiwari
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...