हमारे लबों पे उनका नाम
मन्नतों के बाद उन्होंने दरख्वास्त की है, हमारे लबों से अपना नाम सुनने की,
नज़रों ने किया है कुछ ऐसा असर, लबों को तालीम ही न रही शब्दों को बुनने की।
—————शैंकी भाटिया
सितम्बर 13, 2016
मन्नतों के बाद उन्होंने दरख्वास्त की है, हमारे लबों से अपना नाम सुनने की,
नज़रों ने किया है कुछ ऐसा असर, लबों को तालीम ही न रही शब्दों को बुनने की।
—————शैंकी भाटिया
सितम्बर 13, 2016