हमारे बिना तुम, जी नहीं सकोगे
हमारे बिना तुम, जी नहीं सकोगे।
हमें याद कल को, बहुत करोगे।।
हमारे बिना तुम——————–।।
होगी जब भी इच्छा, हंसने की तेरी।
रजा कोई गीत, सुनने की तेरी।।
सुनोगे जुदाई का, जब कोई गीत तुम।
आँखों के आँसू , रोक नहीं सकोगे।।
हमारे बिना तुम——————–।।
देखोगे जब तुम, आशिकों को मिलते।
मोहब्बत की उनको, हंसी बातें करते।।
नजर जब आयेंगे, तुम्हें फूल खिलते।
मिलने की इच्छा तुम, रोक नहीं सकोगे।।
हमारे बिना तुम————————।।
कहानी लिखोगे, जब तुम कोई।
लिखोगे वो बातें, जो अब तक हुई।।
चेहरा हमारा ही तब, सामने होगा।
हमको पुकारे बिना, रह नहीं सकोगे।।
हमारे बिना तुम———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला-बारां(राजस्थान)