हमारे प्रधान सेवक !
हमारे प्रधान सेवक ठान कर बैठे हैं कि झूठ का सर झुकने नहीं देंगे। गज़ब-गज़ब झूठ बोलते हैं भाई बड़े से बड़ा झूठा पानी मांगे उनके आगे। अब किस -किस को पता है जरा बताओ तो कि 2014 से अब तक कितने बलात्कारियों को सजा हुई ? किसी को नहीं मालूम न,पर सूरत में PM अपने भाषण के दौरान गरज-गरज कर बोल रहे थे कि ‘बलात्कार की घटना की खबर तो सात दिन तक सुनाई जाती है और बलात्कारियों की फाँसी की खबर आकर चली जाती है। ‘ ये कैसे हुआ हम लोग अंधे बहरे हैं क्या ? जो दिल को सुकून देने वाली खबर को भी पढ़ सुन नहीं पाए ये तो गज़ब हो गया।
आज तक निर्भया को नहीं भूल पाई उस बच्ची कि वैसी मौत, फिर भी किसी को फाँसी नहीं हुई। इतना जरूर हुआ एक भांड देश का प्रधान बन गया। उसी कि बदसूरत,और बेहद पीड़ादायक मौत ने इन्हें वो ऊंचा और महान स्थान दिया जो अपनी करतूतों और गाल बजाने की आदत कि वजह से अब जाएगी भी। इतनी बेटियों कि मौत के कहीं न कहीं जिम्मेदार भी हैं।
मुझे गुस्सा उन पढ़े लिखे लोगों पे जयादा आता है जो बैठ के उनकी बातों पे तालियाँ ठोकते हैं। क्या उनके घर में बेटियां नहीं ? या वो ये सोचते हैं कि हमारी बेटियों को कौन क्या करेगा। अरे मूर्खो जब आग लगती है या बम फूटता है तो महलों को छोड़ देती है क्या ? आग और बारूद किसी की सगी नहीं होती जब जलाने को दूसरा कुछ नहीं बचेगा तब तुम्हारी बारी भी तो आएगी। जिनके खुद के बच्चे नहीं जिन्हे दूसरों के बच्चों में अपना बच्चा दीखता नहीं उस से कैसी बराबरी। उस के पीछे रहोगे तो किसी दिन तुम्हारे बच्चे भी निर्भया,अरिफाया या संजलि जैसी हालत में मिलेगी। बुरा लगा न ? लोग कैंसर अपने बदन में नहीं चाहते दूसरे को होजाय तो दुखद कह कर पिंड छुड़ा लेते हैं पर खुद को तो हो ही नहीं सकता है न ? …
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01-02-2019
(सिद्धार्थ)