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22 Feb 2022 · 1 min read

हमारी मानसिकता

नारी की शारीरिक शुचिता के अन्तर्गत
नारी का समूचा अस्तित्व केवल नारी का
शरीर नहीं हो सकता उसे उसके चरित्र से
जोड़कर देखा जाना हमारी प्रगतिशील
मानसिकता पर तो प्रश्न चिन्ह लगाता ही है
साथ ही इस वास्तविकता को भी स्पष्ट करता है
कि नारी के प्रति हमारी मानसिकता
कल भी संकुचित थी और आज भी संकीर्ण है।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
8 Likes · 170 Views
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