*हमारी मटकी को भर दो (भक्ति गीत)*
हमारी मटकी को भर दो (भक्ति गीत)
•••••••••••••••••••••••••••••••
कर दो इतना उपकार हमारी मटकी को भर दो
(1)
भरो दही माखन से इतना, हृदय तृप्त हो जाए
हम खाएँ भरपूर, समूची नगरी भर-भर खाए
कभी नहीं मटकी खाली होने का हमको डर दो
(2)
मटकी में हो भरा हुआ सेहत का खूब खजाना
रुपए खर्च भले कितने हों लेकिन रुके न आना
मटकी चले साल सौ पूरे, प्रभु इतना अवसर दो
(3)
तुम मटकी जब फोड़ो आकर माखन दही चुराओ
दिया तुम्हारा माखन मनमोहन तुम ही ले जाओ
खाली कर देना मटकी का कण-कण ऐसा वर दो
कर दो इतना उपकार हमारी मटकी को भर दो
————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451