हमारी भाषा और व्यवहार।
मैं भाषा को एक दवा का रुप देना चाहता हूं। जिससे हर इंसान स्वस्थ्य रह सके, वाणी ऐसी बोलिए,जो मन का आपा खोए।ओरन को शीतल करे ,आपने शीतल होय।। भारत में सबसे ज्यादा अपराध भाषा और व्यवहार के कारण होते हैं।अगर मनुष्य, मनुष्य के प्रति अपनी भाषा और व्यवहार को ठीक करले, तो कोई भी अपराध नही हो सकता है। जिसमें अस्सी प्रतिशत भाषा और बीस प्रतिशत व्यवहार का हाथ होता है। मनुष्य भाषा और व्यवहार के प्रति बिल्कुल भी जागरूक नही है।वह अपना भी ध्यान नहीं रखता है,तब दूसरों का ध्यान कैसे रखेगा।ज्ञान की बहुत कमी है। केवल किताबी ज्ञान भर है।हम अच्छी और मीठी वाणी का इस्तेमाल कर हमेशा स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।१–हमेशा मीठा और सोच कर बोले।२–कभी भी क्रोध पूर्ण भाषा का इस्तेमाल न करें।३–हमेशा कड़वी बात का मीठा उत्तर दें।४–क्रोध के अवसर पर चुप रहें।