हमारी बिटियाँ
हमारी बिटियाँ
कल तक मेरी गोद में खेली ,
आँचल संग कर ठिठोली l
कभी हटाएँ , फिर छिप जाये ,
करें आँख मिचौली!
मेरी राजकुमारी देखो !
हो गई आज सयानी l
मुझे थका देख खुद जुट जाती ,
काम में मेरे हाथ बटाँती ,
बाबा की लाठी बन राह दिखाती ,
दादी की ‘ सोन चिरैया’ सबका मन बहलाती ,
पाप की राज दुलारी ,अव्वल शिक्षा पाती,
अपनी सूझ -बुझ से नई -नई राह बनाती l
बिटिया हमारी सबसे न्यारी ,
यही मेरी गीता ,यही बबिता !
दंगल में जिसने सबका मन जीत l
यही सुनीता-कल्पना ,
अंतरिक्ष की सैर कराती
यही उषा – अंजू ,
दौड़ -कूद में धाक जमाती
यही सानिया -सिंधु ,
बेडमिंटन की रानी कहलाती
यही बछेंद्री – सन्तोष ,
हिमालय पर परचम लहराती
देखो कुमारी दीपिका को
निशाना अचूक लगाती
नही रहा कोई क्षेत्र बाकि जहाँ ये लड़कों से काम कहलाती
हर क्षेत्र में अपनी आभा बिखेरती
देश ही नहीं , विदेशों में अपनी धक् जमाती l
मीनू यादव
टी . जी. टी . हिंदी
मीनाक्षी वर्ल्ड स्कूल