हमारी तो आदत है पुरानी (तुम न फँसना)
ये भी एक कला है.
रामकला कहे.
या कहे चन्द्रकला..
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कुछ ऐसा करना.
एकदम लगे नया.
हो बहुत पुराना..
ठगों की भांति..
मुद्दों से भटकाना.
चर्चा छेड़ दूर होना.
समय पर न बोलना.
फिर डींगें हाँकना.
हमारी तो आदत है.
पुरानी तुम न फँसना.
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महेन्द्र तुम हंस हो.
खुद प्रायोगिक हो.
सम्मोहित है लोग.
अनुभवहीन हैं वो.
मॉबलिंचींग से डरो.
हमारी तो आदत है.
पुरानी तुम न फँसना.
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सपने हैं अपने.
नींद में होते खरे !
टूटने न देंगे .
सदियों से लोग !
कथा कहानी रुप !
लौरियों से गहरी निद्रा.
तंद्रा में जस् सो रहे.
बेहोशी गहराना.
हमारी तो आदत है.
पुरानी तुम न फँसना.
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हंसा तो मोती चुगे.
डॉ.महेन्द्र सिंह हंस