“ मेरी प्रार्थना “
” है हमारी कामना, आप सब से प्रार्थना,
हमारे भारत देश की महानता बनी रहे,
स्वतंत्रता मिली है जो, स्वतंत्रता बनी रहे,
शहीद वीर बाँकुरों की आन है स्वतंत्रता,
समस्त देश प्रेमियों की शान है स्वतंत्रता ,
वतन हमारा जिस्म है तो जान है स्वतंत्रता ,
हवा है , रौशनी है, आसमान है स्वतंत्रता,
यही तृषा-विभेदिनी, यही हमारी मेदिनी
इसी में पंच तत्व की विशेषता बनी रहे,
स्वतंत्रता मिली है जो , स्वतंत्रता बनी रहे,
स्वतंत्रता का अर्थ है कि हम स्वतंत्र स्वर बनें ,
जहाँ हो मौन दासता वहाँ सदा मुखर बनें,
स्वतंत्रता के तीर्थ की सदैव हम डगर बने,
सजीव स्वाभिमान से जियें सदा निडर बनें,
यही हमारा लक्ष्य हो, स्वतंत्र हर मनुष्य हो,
परन्तु हर मनुष्य में मनुष्यता बनी रहे,
स्वतंत्रता मिली है जो, स्वतंत्रता बनी रहे,
उठें कि हम जो सो रहे हैं अब उन्हें झिंझोड़ दें
नवीन क्रान्ति लायें हम नवीनता का मोड दें,
समस्त भ्रष्ट -दुष्ट मालियों का साथ छोड़ दें,
स्वदेश के चरित्र को पवित्रता से जोड़ दें,
विवेक से अनेकता में एकता बनी रहे ,
अपने भारत देश की अखंडता बनी रहे,
स्वतंत्रता मिली है जो, स्वतंत्रता बनी रहे,
इस तिरंगे की सदा महानता बनी रहे,
स्वतंत्रता मिली है जो, स्वतंत्रता बनी रहे।