हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
जो खुद,हमसे ज्यादा काबिल नहीं ।
वो करते हैं हमारी जख्मों का सौदा,
मगर खुद कभी होते इनमें शामिल नहीं ।।
एक बार जब हो जायेंगे शामिल,
तो पता उन्हें चल जायेगा ।
कितना दर्द या कितनी खुशी मिलती है,
उन्हें भी पता लग जायेगा ।।
पर क्या करें वो भी,
उनकी भी मजबूरी है ।
हम सब समझते हैं,
हम इतने भी जाहिल नहीं ।।
लेखक – मन मोहन कृष्ण
तारीख – 02/05/2020
समय :– 01:11 ( दोपहर )