हमारी आँखों से
गर समझ सको तुम हाले दिल दिलदार हमारी आँखों से
खामोश हैं लब पढ़ले दिलबर अशआर हमारी आँखों से
हैं प्यार भरी नज़रे तेरी उसपे मेरा दिल भी दीवाना
गिर जाए न शर्मोहया की अब दीवार हमारी आंखों से
जब मन पर कोई छा जाए या कि जीवन में आ जाये
तब सुंदर सुंदर दिखता है संसार हमारी आँखों से
पलकें आहिस्ता आहिस्ता झुककर भी कयामत ढाती हैं
और उठीं तो अब हो जाये न कोई वार हमारी आंखों से
दिल तेरे प्यार में पागल है लेकिन इसमें क्या मेरी खता
खुदको तो निहारो दर्पण में इक बार हमारी आंखों से
दीदार की हसरत से बढ़कर जीवन की दूजी चाह नहीं
ज्योति इतना न करवाओ इंतज़ार हमारी आंखों से