हमारा हाल कुछ ऐसा मुक्तक
हुआ है अब मुहब्बत का, बुरा जंजाल कुछ ऐसा
सुने महबूब ना दिल की, समय गति चाल कुछ ऐसा
मुहब्बत में गया यारों यहाँ सुख चैन सब मेरा
मरीजों सा हुआ है अब, हमारा हाल कुछ ऐसा
अभिनव मिश्र अदम्य
हुआ है अब मुहब्बत का, बुरा जंजाल कुछ ऐसा
सुने महबूब ना दिल की, समय गति चाल कुछ ऐसा
मुहब्बत में गया यारों यहाँ सुख चैन सब मेरा
मरीजों सा हुआ है अब, हमारा हाल कुछ ऐसा
अभिनव मिश्र अदम्य