हमारा विद्यालय
हमारा विद्यालय
ये विद्यालय हमारा है हमें प्राणों से प्यारा है।
बनाएँ साफ़ सुंदर हम यही मंदिर हमारा है।।
पढ़ेंगे आज सँवरे कल सिखाते हैं हमें गुरुजन।
समझ जाओ समय रहते बताते हैं हमें गुरुजन।
अगर मानें मिले मंज़िल नहीं मुश्क़िल किनारा है।
आर. एस. ‘प्रीतम’