हमारा यार चल दिया है।
देखो तो हमारा यार चल दिया है इस ज़माने से।
रोका तो बहुत पर वह ना रुका है मेरे मनाने से।।1।।
बड़ा शौक था उसे लोगो को अपना बनाने का।
देखो तो हर कोई ही आया है उसके जनाज़े में।।2।।
हमारी तो अनसुनी करके देखो वह जा रहा है।
आवाज़ देदो शायद रुक जाए तुम्हारे बुलाने से।।3।।
देखो तो वो कैसे लेटा है सफेद चादर में कबसे।
क्यों इतना सो रहा है क्या सोया नहीं ज़माने से।।4।।
हम को पता है वह अब लौट कर आएगा नही।
गुजरा वक्त बन गया है वो जिंदगीं के फ़सानें में।।5।।
गर हमको पता चल जाता यूँ उनके मरने का।
तो हम भी मरकर जाते साथ उनके जनाज़े में।।6।।
पता ही ना था तू इतनी जल्दी चला जायेगा यूँ।
वर्ना कसर ना छोड़ते हम तुमसे रिश्ता निभानें में।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ