हमारा चंद्रयान
धरा का अमर प्रेम समर्पित
अपने भाई चंद्र देव को।
रक्षाबंधन के सुअवसर पर
संदेश ले पहुॅंचा चंद्रयान।
अंतरिक्ष में हो रहा गुंजित
भारत के चंद्रयान का गान।
विक्रम उतरा है चंद्रमा पर
चहल कदमी कर रहा प्रज्ञान।
लहरा तिरंगा चंद्रमा पर
पद के छोड़ें अमर निशान।
विश्व- पटल पर वैज्ञानिकों ने
भारत को दी नई पहचान।
मस्तक ऊंचा किया जगत में
भारत का बढ़ाया है मान।
गर्व से गौरवान्वित हैं हम
विश्व गुरु फिर बना हिंदुस्तान।
भारत की अनमोल इबारत
वर्षों से संचित श्रम का लेखा।
साकार स्वप्न वैज्ञानिकों का
हम सब ने जो मिलकर देखा।
हमारा मामा प्रणाम तुम्हें
निज घर अच्छे से दिखा देना।
विक्रम और प्रज्ञान को मामा
आगे की राह बता देना।
प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव अलवर
राजस्थान