=== हमारा कुटुम्ब ===
### हमारा कुटुम्ब
// दिनेश एल० “जैहिंद”
करूणामय है ईश्वर
करुणामयी ये माता ।।
करुणा से दिल भरा
कारुणिक जन्मदाता ।।
ममता लुटाए माता
ममता से भरी बहना ।।
भाई-प्रेम है कम नहीं
प्रेम कुटुंब का गहना ।।
चाची कहाँ कम रहती
चाचा भी करते दुलार ।।
फुआ का क्या कहना
मौसी भी करती प्यार ।।
दादा-दादी सबसे बड़े
उनका स्नेह दरिया समान ।।
बड़ी माँ का मत पूछो
उनका प्यार बड़ा महान ।।
बच्चों के प्यारे मौसा जी
मौसा जी करें खूब मान ।।
आव-भगत के लोभ में
बनें कभी-कभी मेहमान ।।
मामा जी तो मामा हैं
बच्चों के प्यारे मामा सारे ।।
मामा में है माँ की खुशी
मामा तो बड़े माँ को प्यारे ।।
घर के मान नाना-नानी
इनकी नहीं जग में सानी ।।
हम तो होते बड़े सुनकर
इनके मुँह से कथा-कहानी ।।
करुणा में तू बह जा भाई
सुन ले भाभी, काकी, माई ।।
करुण कहानी करुणा की
करुणा में ही खुशी समाई ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
19. 08. 2017