हमारा आहार!
प्राचीन काल में मनुष्य को तीन प्रकार के आहार लेना बताया गया था। १_ सात्विक २_ राजसी ३_ तामसी ,यह मनुष्य के भोजन
के प्रकार थे। हमारे त्रषि मुनियों ने आहार को बहुत महत्वपूर्ण बताया था। क्योंकि मनुष्य के ऊपर आहार का बहुत ही प्रभाव पड़ता है। आहार का मन बुद्धि पर गहरा असर होता है। इसलिए मनुष्य को अपने जीवन में आहार को सात्विक बनाना चाहिए। कभी भी
तामसी भोजन ग्रहण नही करना चाहिए। आहार से ही हमारी बुद्धि का विकास होता है। आहार से ही हमारा मन बनता है।
और हमें कभी भी भूल कर मांस का सेवन नही करना चाहिए।
आज-कल मनुष्य आहार के महत्व को भूल गया है। इसलिए ही
हमारी जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।जब हमारे साधु संतों ने
इस बात का पता लगा लिया था कि हमारी जनसंख्या पर नियंत्रण कैसे करेंगे।तब उन्होंने अपने आहार में परिवर्तन कर लिया था।
आहार से ही हमारी बुद्धि बनती है। आहार से ही मनुष्य के हार्मोन्स को बल मिलता है। और कई प्रकार के सूक्ष्म जीव जन्म लेते है। और मर जाते हैं।
इसलिए मनुष्य को अपने आहार को सात्विक बनाना होगा।