हमारा आज ही देखो हमारा कल सजाता है
हमारा आज ही देखो हमारा कल सजाता है
न वापस लौट कर बीता हुआ ये वक़्त आता है
हमेशा वक़्त ने हमसे हमारे छीने अपने हैं
इसी ने आज तक कितने हमारे तोड़े सपने हैं
सभी गुजरे पलों को कल ही सीने में छिपाता है
हमारा आज ही देखो हमारा कल सजाता है
न बीते कल की तुम सोचो न आने वाले कल की ही
ख़ुशी तो तुम मना लो बस यहाँ प्रत्येक पल की ही
जियो बस आज में ही ये बदल फिर कल में जाता है
हमारा आज ही देखो हमारा कल सजाता है
रहे कल में अगर डूबे न होगा आज हाथो में
बिताओ वक़्त कोअपने नहीं बेकार बातों में
समय हमको जिताता गर यही हमको हराता है
हमारा आज ही देखो हमारा कल सजाता है
05-03-2016
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद(उ प्र)