हमसफ़र
हमें प्यार भरी बस इक नज़र चाहिये,
पागल-दीवाना हमसफ़र चाहिये ।
जो करता रहे दीदार हमारा,
ऐसा प्यारा-सा हमको सनम चाहिये।।-१
न पतझड़,न सर्दी,न गर्मी,न भदवा, सावन की बदली,और बारिस का जलवा,
ऐसी जवानी का हमको मौसम चाहिये।।२
न रोना, न धोना,न हमको तुम खोना,
हँसना-हसाना,प्यार से हमको सताना,
ऐसा जुल्मों-भरा हमें सितम चाहिये।।३
शंकर”ज़ालिम”