Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

हमसे ये ना पूछो कितनो से दिल लगाया है,

हमसे ये ना पूछो कितनो से दिल लगाया है,
जिसे अपना समझा था हमने… वही पराया था..!!
Ravi_Betulwala

2 Likes · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
जिंदगी मौत तक जाने का एक कांटो भरा सफ़र है
Rekha khichi
जीवन एक यथार्थ
जीवन एक यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
जीवन में,
जीवन में,
नेताम आर सी
पढ़िए ! पुस्तक : कब तक मारे जाओगे पर चर्चित साहित्यकार श्री सूरजपाल चौहान जी के विचार।
पढ़िए ! पुस्तक : कब तक मारे जाओगे पर चर्चित साहित्यकार श्री सूरजपाल चौहान जी के विचार।
Dr. Narendra Valmiki
😊 #आज_के_सवाल
😊 #आज_के_सवाल
*प्रणय प्रभात*
ख़्वाहिशें
ख़्वाहिशें
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बिसुणी (घर)
बिसुणी (घर)
Radhakishan R. Mundhra
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
singh kunwar sarvendra vikram
2461.पूर्णिका
2461.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"सागर तट पर"
Dr. Kishan tandon kranti
पारा बढ़ता जा रहा, गर्मी गुस्सेनाक (कुंडलिया )
पारा बढ़ता जा रहा, गर्मी गुस्सेनाक (कुंडलिया )
Ravi Prakash
वो मुझे पास लाना नही चाहता
वो मुझे पास लाना नही चाहता
कृष्णकांत गुर्जर
हिलोरे लेता है
हिलोरे लेता है
हिमांशु Kulshrestha
Consistency does not guarantee you you will be successful
Consistency does not guarantee you you will be successful
पूर्वार्थ
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अरे लोग गलत कहते हैं कि मोबाइल हमारे हाथ में है
अरे लोग गलत कहते हैं कि मोबाइल हमारे हाथ में है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
साँसों के संघर्ष से, देह गई जब हार ।
sushil sarna
धन्यवाद कोरोना
धन्यवाद कोरोना
Arti Bhadauria
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सजि गेल अयोध्या धाम
सजि गेल अयोध्या धाम
मनोज कर्ण
मानवता
मानवता
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आखिर कब तक?
आखिर कब तक?
Pratibha Pandey
गंधारी
गंधारी
Shashi Mahajan
भावो को पिरोता हु
भावो को पिरोता हु
भरत कुमार सोलंकी
दुम
दुम
Rajesh
Loading...