हमसे बिछड़ के कोई हमारा चला गया
हमसे बिछड़ के कोई हमारा चला गया
मानो कि ज़िंदगी का सहारा चला गया
आँखों के सामने था अभी ग़ुम जो हो गया
इन चश्म में बसा वो सितारा चला गया
ठहरा था वो अज़ल से उसी राह पर खड़ा
उसको किसी ने फिर जो पुकारा चला गया
आया था उस फ़लक़ से सितारा ये देखने
हमको ज़रा सी देर निहारा चला गया
दिल ये दहल गया था वो मंज़र को देखकर
किश्ती को फिर किनारे उतारा चला गया
चिट्ठी मिली न कोई बुलावा मिला उसे
कुछ भी कहे बिना वो कज़ारा चला गया
कुछ दिन असर रहा था इसी इश्क़ का हमें
फिर मय के साथ-साथ ये सारा चला गया