हमसफर हमसाया
****हमसफर हमसाया****
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मेरा हमसफर मेरा हमसाया है
बड़ी जद्दोजहद से प्रेम पाया है
शिद्दत से जी भरके जिसे चाहा
देर से ही आखिर दिन आया है
प्रेम होता है बहुत ही रंग भरा
शुक्र खुदा का प्रेम रंग पाया है
नजरों से नजरें थी टकरा गई
नजरों का नजराना पाया हैं
वह दिलनशीं मेरी हमनशीं है
नशा मयनशी दिल पे छाया है
ढूंढता था जिसे मैं सितारों में
सितारा नभ से टूटकर आया है
रहे खुशी का ठिकाना ही नहीं
जीवन का हसीन पल आया है
भूलकर भी कभी ना भूल पाऊँ
सुखविन्द्र स्वप्न सच हो पाया है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)