Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2021 · 1 min read

हमसफर की तलाश

जहाँ सब प्रीत मे खोये है
साथ, साथी का संजोये है
मै अकेला तन्हा यहाँ
अपने हमनवा की राहें जौहें है।
राहो की कहानी मे हर दफ़ा एक नया मोड़ है।
सागर के पानी मे नदियों का जोड़ है।
आज जब बस जवॉ दिलों का दौर है।
तब अख्श मेरा ठुकराय मुझे
मुझे कह दे, की तू कोई और है।
ये लम्हें बेकरारियो के, जैसे रूह मेरा किसी अंगार् में है।
तड़प कर चीखे लगाये, ये एक पुकार मे है।
हमने मधुर मिलन की कही है सुनी
बस इसलिये मेरा सब कुछ,
एक प्रीत के इन्तज़ार में है।

8 Likes · 4 Comments · 607 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
4680.*पूर्णिका*
4680.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
शांति का पढ़ाया पाठ,
शांति का पढ़ाया पाठ,
Ranjeet kumar patre
वक्त गर साथ देता
वक्त गर साथ देता
VINOD CHAUHAN
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
पूर्वार्थ
* सखी  जरा बात  सुन  लो *
* सखी जरा बात सुन लो *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ऐसे यूं ना देख
ऐसे यूं ना देख
Shashank Mishra
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बच्चे ही अच्छे हैं
बच्चे ही अच्छे हैं
Diwakar Mahto
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
Neelofar Khan
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
Shweta Soni
दर्द के सिक्के बनाकर खरीद लूंगा ख़ुशी इक दिन
दर्द के सिक्के बनाकर खरीद लूंगा ख़ुशी इक दिन
सिद्धार्थ गोरखपुरी
18. कन्नौज
18. कन्नौज
Rajeev Dutta
कबीर ज्ञान सार
कबीर ज्ञान सार
भूरचन्द जयपाल
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
संवेदना (वृद्धावस्था)
संवेदना (वृद्धावस्था)
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
"इबारत"
Dr. Kishan tandon kranti
एक छोर नेता खड़ा,
एक छोर नेता खड़ा,
Sanjay ' शून्य'
तुम अपनी शादी में बुलाना  मै  आऊंगा जरूर....
तुम अपनी शादी में बुलाना मै आऊंगा जरूर....
Vishal Prajapati
कुछ तुम रो लेना कुछ हम रो लेंगे।
कुछ तुम रो लेना कुछ हम रो लेंगे।
Rj Anand Prajapati
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
जन-जन प्रेरक बापू नाम
जन-जन प्रेरक बापू नाम
Pratibha Pandey
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
Shravan singh
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
Chaurasia Kundan
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...