हमरे घर की शान हमारी अम्मा है !
हमरे आँगन की फुलवारी अम्मा है !
छप्पर, छानी चारदीवारी अम्मा है !!
महुआ कस अहिमक मीठ है बोली अम्मा के,
गमगमात शादी अउसर के चिनी सोहारी अम्मा है !!
थर थर काँपैं भूत की नाई सब मनई,
घर की मुखिया जिम्मेदारी अम्मा है !!
गढ़ही,ढर्रा चाहे कहिल्या गंगा मईया,,
नदियाँ, पोखर, खेत, कियारी अम्मा है !!
घर भरा रहत है उरदा,मूँग,मनीझन से ,
हमरे घर की शान हमारी अम्मा है !!
कवि आशीष तिवारी जुगनू 8871887126