Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2022 · 2 min read

” हमरा लोकनि कें संरक्षक बनबाक अछि “

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
==============
विकास आ परिवर्तन क बयार सबतरि बहि रहल अछि ! सभ्यता ,संस्कृति ,भाषा , वेश -भूषा ,भोजन क व्यंजन ,विवाह ,यज्ञ,मुंडन ,उपनयन आ कर्म इत्यादि सेहो नहि बाचल ! सौराठ सभा गाछी वीरान भ गेल ! पंजीकार व्यवस्था प्रायः प्रायः लुप्त भ गेल ! गीत -नाद क भार डी ० जे ० महराज कें भेट गेल छनि ! काज उद्यम मे आधुनिक परिधान आ मोबाइल कें महत्व सर्वोपरि रहित अछि ! भोजन क व्यंजन सेहो बदलि गेल ! समय पर मुंडन होइत छल ,समय पर उपनयन संस्कार आ समय पर विवाह क देल जाइत छल ! आब परिवर्तनक एहन बिहारि उठल अछि ! मुंडन संस्कार कत्तो क लिय ! “उपनयन संस्कार समाज मे नहि करब !” बच्चा कें छुट्टी नहि अछि ! बरुआ आब बरुआ नहि रहला गबरू जवान भ गेलाह ! आब एके बेर विवाह मे तानि द देबनि ! विवाहक यदि गामक लोक जिज्ञाषा करथिन त पहिने सरकारी नौकरी वा कोनो काज त ध लेथ ! नौकरी भेटि गेलनि ! विवाहक गप्प चलल गाम मे त खबर भेटल जे गबरू जवान कोनो आन जाति सं लव मेरिज क लेलनि ! इ परिवर्तन क केहन बिहारि चलल जे सब किछु बदलि गेल ?
आब जिम्म्हर देखू तिम्मरे तिमिर व्याप्त अछि ! यदि निष्पक्ष रूपेण एकर मूल्याङ्कन करू त सब सं बेसी हमरा लोकनि दोषी छी ! सर्वप्रथम हम सब अपना बच्चा कें अप्पन मैथिली भाषा सं कात क देत छी ! घर मे हिंदी बजैत छी ! अप्पन मैथिली सं अनभिज्ञ रखैत छी ! बच्चा कें गाम नहि ल जायब ! आब कहू मिथिला क माटि-पानि सं केना जुड़त ? भाषा मे चुम्बकीय आकर्षण होइत अछि ! सत्ते इ परिवर्तन कोनो आर रूप नहि लय तकरा लेल सचेष्ट रहबाक अछि ! एहि मे सफल नेतृत्व क आवश्यकता अछि ! अधिक समय अपना बच्चा संगें बिताऊ ! मैथिली मे सबगोटे गप्प करू ! सभ्यता संस्कृति सं जुडल रहू ! नेतृत्व “औटोक्रेटिक ” नहि हेबाक चाहि नहि “डेमोक्रेटिक”..हेबाक चाहि ! बस मात्र ” भेरियेबुल ” नेतृत्व क आवश्यकता छैक जाहि सं हम सब सकारात्मक परिवर्तनक आभास करि !
=================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल “

Language: Maithili
135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कौन-सो रतन बनूँ*
*कौन-सो रतन बनूँ*
Poonam Matia
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
कविता के अ-भाव से उपजी एक कविता / MUSAFIR BAITHA
कविता के अ-भाव से उपजी एक कविता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
3243.*पूर्णिका*
3243.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अबके तीजा पोरा
अबके तीजा पोरा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Mai deewana ho hi gya
Mai deewana ho hi gya
Swami Ganganiya
हे मेरे प्रिय मित्र
हे मेरे प्रिय मित्र
कृष्णकांत गुर्जर
भार्या
भार्या
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ग्वालियर, ग्वालियर, तू कला का शहर,तेरी भव्यता का कोई सानी नह
ग्वालियर, ग्वालियर, तू कला का शहर,तेरी भव्यता का कोई सानी नह
पूर्वार्थ
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
నీవే మా రైతువి...
నీవే మా రైతువి...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सर्वंश दानी
सर्वंश दानी
Satish Srijan
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
तूफान आया और
तूफान आया और
Dr Manju Saini
*जाता दिखता इंडिया, आता भारतवर्ष (कुंडलिया)*
*जाता दिखता इंडिया, आता भारतवर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
राजू और माँ
राजू और माँ
SHAMA PARVEEN
💐कुछ तराने नए सुनाना कभी💐
💐कुछ तराने नए सुनाना कभी💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सफर कितना है लंबा
सफर कितना है लंबा
Atul "Krishn"
"धरती गोल है"
Dr. Kishan tandon kranti
मौत पर लिखे अशआर
मौत पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
मर्यादा और राम
मर्यादा और राम
Dr Parveen Thakur
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
ईश्वर का अस्तित्व एवं आस्था
ईश्वर का अस्तित्व एवं आस्था
Shyam Sundar Subramanian
चली पुजारन...
चली पुजारन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
जय जय राजस्थान
जय जय राजस्थान
Ravi Yadav
रमणीय प्रेयसी
रमणीय प्रेयसी
Pratibha Pandey
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
Anand Kumar
देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
DrLakshman Jha Parimal
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...