हमरा पुरूस्कार भेट गेल (हास्य कटाक्ष)
हमरा पुरूस्कार भेट गेल
(हास्य कटाक्ष)
बाबा बड़बड़ाइत बजैत रहै हौ कहअ त एना कहूँ करब भेलैए? हौ भागेसर एना किए अगिया बेताल भेल छह? की बात छियै जे तूं एना धनछोहा भेल फिरै छह? कए बेर पुछबो केलियै त भागेसर उनटे हमरे उकटह लागल यौ बाबा अहाँ किदैन कहाँ अलर बलर लिखै छी अहाँ लेखनी मे कोनो दम नै. बाबा बोलैत रहै हौ भागेसर तोरे लेखनी कोन बड्ड मजगर छह की पब्लिक पढ़ै छह आ झूठो अनघोल जे तूं वरिष्ठ लेखक किदैन कहाँ सब छह. के नीक आ के खराप से पब्लिक फैसला करतै की तूं सबटा फैसला अपने सुना के धनछोहा भेल फिरबह?
भागेसर पंडा त बाबा के बात सुन तामसे खौंजा गेल फेर हां हां के बोले लागल हयौ बाबा हमरा पुरूस्कार भेट गेल. बुझहलियै की ने? बाबा हां हां के बोलैत रहै हौ मैथिली पुरस्कार के घोषणा त हरदम बाद मे होइत रहलै. पब्लिक के तूं सब कोनो भांज किए लागह दै छहक जे केकरा कोन किताब पर कोन अधारे पुरूस्कार भेटलै? पुरूस्कृत किताब सह पब्लिक कतेक पढ़लकै देखलकै? आ सोझहे अगिया बेताल भेल छह जे हमरा पुरूस्कार भेट गेल? ताबे कोन नेहाल क देलहक दसो प्रति किताब सब बिकाइ छह नैंहे? आम दर्शक पाठक मैथिली किताब लेखक बुझहै पढ़है छह नैहे आ झूठो पुरूस्कारी फूफकार छोड़ै जाइ छह?
बाबा के बात सुन भागेसर पंडा खूब जोर जोर से बाजे लागल बाबा अहाँके एक्को रति साहित्यिक ज्ञान नै अछि अहाँ कुंठित बुझना जाई छी अहाँ मंच लोभी छी अहाँ मैथिली बिरोधी छी. हमरा पुरूस्कार भेटल देखलियै कतेक शुभकामना लाइक कमेंट सब एलै? आ अहाँक पोस्ट पर माछियो उड़ि नै अबैए? अाब बाबा सेहो गरम हो गेलै औरी बाजे लगलै हौ भागेसर तोहर भवडाह स हम डेराई बला नै छी यथार्थ देखा खिहारबह की.
आंई हौ मैथिली वला सब अपन गिरोह बनौने यै आ गिरोहे के लोक सब लाइक कमेंट क अपना गिरोह के प्रचार करतह जे फलां पुरूस्कृत भेलाह फलां के पोथी लोकार्पण आ फूँसियाहिक हो हो मे पुरूस्कार बँटा खेल ई पुरस्कार त ऊ पुरूस्कार किदैन कहाँ कुम्हर कदिमा रत्न पुरस्कार सब बेमतलबो बँटैत रहै जाइत छह. पब्लिको तोरा सबहक दलाली चलकपनी आब बुइझ गेल छह की.
भागेसर बोलैत रहै यौ बाबा अहाँ एना बिरोध करै छी तेकर माने अहाँ मैथिली बिरोधी काज करै छी. इ सब ठीक गप नै. बाबा बोललकै हौ भागेसर तूं अपने कोन सुपातर छह? मिथिला मैथिली के नाम पर साहित्यिक दललपनी केने फिरै छह. तोरा गिरोह के जे चंदा नै देलकह आयोजनी हं मे हं नै मिलौलकह त ओकरा मैथिली बिरोधी कहबा देबहक आ अपना गिरोह मे प्रचारित करबा देबहक? कहलकै जे अई सी की तोरा सबहक पुरूस्कारी कुकृत्य झंपा जेतह की? किन्नौ ने आब पब्लिक सबटा चलकपनी बुइझ गेल छह.
बाबा औरी भागेसर पंडा दुनू मे कहा होत रहै. हम्मे बाबा स पुछली की होलौ? बलू कैले पुरूस्कार लै हल्ला फसाद करै जाइ छहू? हम्मर गप सुन के बाबा बोललकै हौ कारीगर तहूं की तमस्सा देखै मे रहलह आ निसाफ बजबा काल चोरनुकबा बनल रहलह जे फ्रंट पर सोझहे आएब त गिरोहबादी भजार छुटि जाइत की ने? आ एते खान स कैमरा मे सबटा गप रेकर्ड करलह तइओ पूछै छह जे होलौ की?
हम्मे बाबा स कहली हो बाबा हम्मे तोरा कहां किछो कहलियै. मीडिया वला के काम हइ पब्लिक तक गप पहुचेनै त उहे स हम त एतने पुछलियै जे होलौ की? हमर बात सुन बाबा बोले लगलै हौ किशन कहीं ब्रेंकिग न्यूज़ बला भांज भूंज त नै छह? हम्मे बोललियै हो बाबा सेहे बात बुझहो लेकिन कैमरा सामने बोलहो ने जे होलै की? पब्लिको बुझतौ? बाबा हां हां के बोले लगलै हएत की यैह बुझहक जे भागेसरे जेंका हमरा पुरूस्कार भेट गेल. आ अपना गिरोह छोड़ि पब्लिक किताब देखलक पढ़लक कहियै नै? हे हमरा पुरूस्कार भेट गेल?
कथाकार- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)