Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Dec 2018 · 1 min read

हमराह

बन दो दिन हमराह हमें तन्हां छोड़ चले,
बेक़सी के आलम में आँख नम छोड़ चले,
शिद्द्त से चाहा था हमनें अँधेरा छोड़ चले,
बीच राह में यूँ क्यों हमें बेबस छोड़ चले।।
मुकेश पाटोदिया”सुर”

Language: Hindi
1 Like · 233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी याद मै करता हूँ हरपल, हे ईश्वर !
तेरी याद मै करता हूँ हरपल, हे ईश्वर !
Buddha Prakash
*जेठ तपो तुम चाहे जितना, दो वृक्षों की छॉंव (गीत)*
*जेठ तपो तुम चाहे जितना, दो वृक्षों की छॉंव (गीत)*
Ravi Prakash
खाली सी सड़क...
खाली सी सड़क...
शिवम "सहज"
* किधर वो गया है *
* किधर वो गया है *
surenderpal vaidya
स्नेह का बंधन
स्नेह का बंधन
Dr.Priya Soni Khare
" सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आदिवासी कभी छल नहीं करते
आदिवासी कभी छल नहीं करते
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
चाहे तुम
चाहे तुम
Shweta Soni
डॉ अरूण कुमार शास्त्री,
डॉ अरूण कुमार शास्त्री,
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कांटें हों कैक्टस  के
कांटें हों कैक्टस के
Atul "Krishn"
..
..
*प्रणय*
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
अर्चना मुकेश मेहता
शिक्षा का अब अर्थ है,
शिक्षा का अब अर्थ है,
sushil sarna
कुछ शामें गुज़रती नहीं... (काव्य)
कुछ शामें गुज़रती नहीं... (काव्य)
मोहित शर्मा ज़हन
ख़ुद को यूं ही
ख़ुद को यूं ही
Dr fauzia Naseem shad
आओ एक गीत लिखते है।
आओ एक गीत लिखते है।
PRATIK JANGID
आज का इंसान
आज का इंसान
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नारी भाव
नारी भाव
Dr. Vaishali Verma
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
भरत कुमार सोलंकी
"जो खुद कमजोर होते हैं"
Ajit Kumar "Karn"
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
आर.एस. 'प्रीतम'
गुरू
गुरू
Shinde Poonam
जब कोई आपसे बहुत बोलने वाला व्यक्ति
जब कोई आपसे बहुत बोलने वाला व्यक्ति
पूर्वार्थ
"ये ग़ज़ल"
Dr. Kishan tandon kranti
इस दिवाली …
इस दिवाली …
Rekha Drolia
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
इश्क
इश्क
Sanjay ' शून्य'
कितना आसान है मां कहलाना,
कितना आसान है मां कहलाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2999.*पूर्णिका*
2999.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...