Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

हमराही

हमराही बन तूम्हारे साथ चलना चाहती हूँ।
प्रिय मैं मंत्र मुग्ध हो तुम में बसना चाहती हैं।

भान ना हो जहाँ मुझे कुछ एक ऐसी,
दुनियाँ तेरे साथ बिताना चाहती हूँ।

तुम ओस सी बूँदों से मुझ में समा जाना।
मैं हरी खिली दुब सी हो जाना चाहती हूँ।

अंबर के उस लाल क्षितिज मे बन के लाली
मैं तुझ में मिल जाना चाहतीहूँ।

सुनो हमराही मेरे,सागर से गहरे हो तुम
मैं नदी सा तुम मैं मिल जाना चाहती हूँ।

शीप सी प्यासी हूँ ,मैं प्रियतम बन के
स्वाति तुझ में बस जाना चाहती हूँ।

तुम हो ज्वलित आग से तिष्ण
मै ज्योति बन जाना चाहती हूँ।

जिस पथ पर चलो तुम, ओ मेरे हमराही
मै उस पथ पर फूल बन बिछ जाना चाहती हूँ।

एक बूँद पसीने तऔर शिकन की ना आये तेरे माथे पर।
मैं खुशियाँ बन तेरे जीवन को महकाना चाहती हूँ।।

संध्या चतुर्वेदी
मथुरा, उप

9 Likes · 1 Comment · 95 Views

You may also like these posts

चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
sushil sarna
है भरम कि तेरी दंभलालसा सिंचित करने को चरणो में गिर जाउंगा।
है भरम कि तेरी दंभलालसा सिंचित करने को चरणो में गिर जाउंगा।
शशि "मंजुलाहृदय"
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किसी की लाचारी पर,
किसी की लाचारी पर,
Dr. Man Mohan Krishna
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
स्नेह
स्नेह
Rambali Mishra
हिंसा
हिंसा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
एक मुलाकात
एक मुलाकात
PRATIK JANGID
नई दृष्टि
नई दृष्टि
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
पतंग
पतंग
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
Neeraj Agarwal
नज़रों से नज़रें मिली जो
नज़रों से नज़रें मिली जो
Chitra Bisht
चुपचाप निकल ले बेटा
चुपचाप निकल ले बेटा
Shekhar Chandra Mitra
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
parvez khan
2463.पूर्णिका
2463.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
If you can't defeat your psyche,
If you can't defeat your psyche,
Satees Gond
फूल
फूल
अवध किशोर 'अवधू'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
Phool gufran
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
Surinder blackpen
आँखें अश्क छिपाने की मुमकिन कोशिश करती है,
आँखें अश्क छिपाने की मुमकिन कोशिश करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मतदान
मतदान
Anil chobisa
फूल
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
'आशिक़ी
'आशिक़ी
Shyam Sundar Subramanian
अहंकार
अहंकार
Bindesh kumar jha
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
ओनिका सेतिया 'अनु '
चक्र सुदर्शन धारी,अब चक्र चलाओ ना
चक्र सुदर्शन धारी,अब चक्र चलाओ ना
कृष्णकांत गुर्जर
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
VINOD CHAUHAN
Loading...