हमराही परी मिलेगी
गीत
मेरे दिल की गलियों में कब ,चाहत की नदी बहेगी l
जाने कब किस राहगुजर में,हमराही परी मिलेगी ll
दिल अम्बर है गुमसुम गुमसुम,जीवन में पतझड़ मौसम l
पागल मन को ना भाता है, कोई गीत मधुर सरगम ll
घना तिमिर दिल मंदिर में , कब कोई ज्योति जलेगी l
.. .. .. हमराही परी मिलेगी ll
आती है मेरे सपनों में, चैन चुराने को तितली l
उसके बिन वीरान जहाँ है,जाने कहाँ गई पगली ll
कब उनकी पाजेब बजेगी, कब सूनी राह सजेगी l
… . . .हमराही परी मिलेगी ll
सीने में है अजब जलन सा , इंतज़ार की हैं घडियाँ l
सावन बरसे है बिन बदरा, सूखी है फ़िर भी अंखियाँ ll
सुन ले फ़रियाद खुदा तू भी, यूँ कबतक जान रहेगी l
.. हमराही परी मिलेगी ll
✍दुष्यंत कुमार पटेल