हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
उसने अंदर तक तोड़ा तो फैसला लिया था
हाथ थाम कर मिला तो दिखावा किया उसने
सच ये है कि उसने कभी साथ नहीं दिया था
कवि दीपक सरल
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
उसने अंदर तक तोड़ा तो फैसला लिया था
हाथ थाम कर मिला तो दिखावा किया उसने
सच ये है कि उसने कभी साथ नहीं दिया था
कवि दीपक सरल