हमने कहा चांद से
हमनें कहा है चांद से
अब तो रास्ता बदल
गगन पे हक हमारा है
तुम्हें नहीं खबर !!!
हमने मढ़ा है माथ पर
आफताब को।
लाया है कदम तल में
दिल के ख्वाब को!!
ये मंजिल भी हमारा है
हमारा ही है डगर
हमनें कहा है चांद से
अब तो रास्ता बदल
गगन पे हक हमारा है
तुम्हें नहीं खबर !!!
हमने झुकाया सर
तिरा एहसास ए मल्लिका था
हमने जो चूमा पांव
तिरा जीवन गया सवर
सूरज बना दीपक
मगर नहीं तुझे ख़बर
हमनें कहा है चांद से
अब तो रास्ता बदल
गगन पे हक हमारा है
तुम्हें नहीं खबर !!!
©® दीपक झा रुद्रा