हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम…..।।
ये हमने कब कहा था ,
इंतजार नहीं करेंगे हम।
कैसे ये समझ लिया आपने,
प्यार नहीं है करते अब ,
इकरार ये हुआ था कब,
इन निगाहों से पूछ लीजिये अब,
दिल बेकरार हुआ लबों ने जब,
एक मुस्कान से अपना बना लिया ,
ये हमने कब कहा था ,
इंतजार नहीं करेंगे हम……. ।।
अब रूठ रहे हो किन बातों मे,
दिल को यूँ क्यो सता रहे हो,
जख्म नहीं है दिखता अब उनको,
दिल घायल कर मुस्कुरा रहे हो,
सब्र का बांध टूट रहा है,
इंतजार में अखियाँ फूट रही है,
ये हमने कब कहा था ,
इंतजार नहीं करेंगे हम…….।।
कैसे भी नैनों से देख लू तुमको,
डर है खोने को रोक लूँ खुद को,
इंतजार के पल लगते है सदियों से,
सुनसान है डगर पथिक सब चले गये,
प्यार में बस यूँ आहिस्ते से फिसल गये,
दिल के रास्ते को आँखों से जब पकड़ लिए,
ये हमने कब कहा था ,
इंतजार नहीं करेंगे हम…..।।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।