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20 Aug 2024 · 1 min read

*हमने एक पतंग उड़ाई (बाल कविता)*

हमने एक पतंग उड़ाई (बाल कविता)
_________________________
हमने एक पतंग उड़ाई
बादल से वह जा टकराई

बादल में उस से छेद हुआ
हमको फिर इस पर खेद हुआ

बादल ने पानी बरसाया
तब हमें समझ में यह आया

ऊॅंची भले पतंग उड़ाओ
बादल से पर मत टकराओ

वरना गल कर रोज फटेगी
आसमान में नहीं डटेगी

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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