हमदर्द
खुलता नहीं अब यहां कोई
बात दिल में ही रखता है
किसी से भी पूछो हाल,
सब ठीक है, यही कहता है।।
निश्चित ही जीवन अत्यंत
मुश्किल हो गया है हमारा
बहुत मुश्किल है किसी का
दुख में मिलना यहां सहारा।।
कहते जब दिल के दर्द किसी से
कोई साथ देता नहीं यहां पर
उल्टा डर लगता है कह न दे
लोगों को नमक मिर्च लगाकर।।
तभी गम अपने दिल में ही
छुपा लेते है आज लोग
कम उम्र में ही, दिल के रोग
लगा लेते है आज लोग।।
निकालो उनको बाहर जो बातें
जाने कबसे दर्द दे रही है तुमको,
है नहीं कोई हमदर्द खुद से ज्यादा,
अपने ये दर्द तुम कह दो खुदको।।