*हनुमान (बाल कविता)*
हनुमान (बाल कविता)
जय हनुमान वंदना गाओ
पवन-पुत्र को शीश झुकाओ
सीता जी का पता लगाया
लंका-दहन इन्हीं की माया
पर्वत संजीवनी उठाया
सेवक प्रभु का मगर बताया
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451