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5 Jul 2023 · 1 min read

*हनुमान (बाल कविता)*

हनुमान (बाल कविता)

जय हनुमान वंदना गाओ
पवन-पुत्र को शीश झुकाओ
सीता जी का पता लगाया
लंका-दहन इन्हीं की माया
पर्वत संजीवनी उठाया
सेवक प्रभु का मगर बताया

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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