हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो प
हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो पूंछ में कहकर, उसने ले ली विपदा भारी।। दुश्मन की हरकत को तुम, मत लेना जी सीधा सादा। उसको सदा वजीर समझना, चाहे हो वो केवल प्यादा।।