Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2021 · 1 min read

हद

कल जिनकी खातिर तोड़ दी थी हमने सारी हदें
आज उन्होंने है कह दिया कि जरा हद में रहा करो।।

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 2 Comments · 355 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मौका जिस को भी मिले वही दिखाए रंग ।
मौका जिस को भी मिले वही दिखाए रंग ।
Mahendra Narayan
सोचा होगा
सोचा होगा
संजय कुमार संजू
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कभी हमको भी याद कर लिया करो
कभी हमको भी याद कर लिया करो
gurudeenverma198
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
14--- 🌸अस्तित्व का संकट 🌸
Mahima shukla
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
चढ़ा हूँ मैं गुमनाम, उन सीढ़ियों तक
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन।
कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन।
Kuldeep mishra (KD)
भाईदूज
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Sushil Pandey
लड़ाई
लड़ाई
Dr. Kishan tandon kranti
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
कोरा संदेश
कोरा संदेश
Manisha Manjari
एकांत
एकांत
Monika Verma
छह दिसबंर / MUSAFIR BAITHA
छह दिसबंर / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बेपरवाह
बेपरवाह
Omee Bhargava
🙏🙏
🙏🙏
Neelam Sharma
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
Dil toot jaayein chalega
Dil toot jaayein chalega
Prathmesh Yelne
■ शेर-
■ शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
मरने से
मरने से
Dr fauzia Naseem shad
अपनों को दे फायदा ,
अपनों को दे फायदा ,
sushil sarna
कुछ ख़त्म करना भी जरूरी था,
कुछ ख़त्म करना भी जरूरी था,
पूर्वार्थ
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
न रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
न रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
सत्य कुमार प्रेमी
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
Rj Anand Prajapati
चल अंदर
चल अंदर
Satish Srijan
ପରିଚୟ ଦାତା
ପରିଚୟ ଦାତା
Bidyadhar Mantry
Loading...