हठीले हो बड़े निष्ठुर
बड़े निष्ठुर हठीले हो, हमारा वश नहीं तुमपर।
मगर हम प्रेम करते हैं, बिठाया है तुम्हें अंतर।
तुम्हीं भगवान नारायण,कृपा करके इधर देखो-
तुम्हें कैसे रिझाऊँ मैं,नहीं आता मुझे मंतर।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
बड़े निष्ठुर हठीले हो, हमारा वश नहीं तुमपर।
मगर हम प्रेम करते हैं, बिठाया है तुम्हें अंतर।
तुम्हीं भगवान नारायण,कृपा करके इधर देखो-
तुम्हें कैसे रिझाऊँ मैं,नहीं आता मुझे मंतर।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली