*हजारों साल से लेकिन,नई हर बार होली है 【मुक्तक 】*
हजारों साल से लेकिन,नई हर बार होली है 【मुक्तक 】
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हजारों रंग हैं, हर रंग का त्यौहार होली है
सिखाती प्यार का, इंसान से व्यवहार होली है
वही पूनम की राते हैं, वही है चाँद का जादू
हजारों साल से लेकिन, नई हर बार होली है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451