हजारों मानव मर रहे है
हजारों मानव मर रहें है
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सुनो संक्रमित मानव की गुहार ……
कोरोना से मैं जूझ रहा हूँ,
इन मानवों से मैं पूछ रहा हूँ।
कहाँ गई तुम्हारी देवी देवता,
आकर काहे ठीक नहीं करता।
अब मैं जान गया हूँ,
सत्य ज्ञान को पहचान लिया हूँ।
यह सब धार्मिक दुकान है ,
ढोंग पाखंड का खादान है।
विज्ञान को ही अब जानना होगा,
डॉक्टर का कहना मानना होगा।
होंगे तुम्हारे असली रक्षक,
कोरोना विषाणु को करेगा भक्षक।
विश्व महा संकट से गुजर रहें है,
हजारों मानव मर रहें है।
जीवन में स्वच्छता अपना लो,
कोरोना वायरस से जीवन को बचा लो।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना (छत्तीसगढ़)
मो. 8120587822