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18 Oct 2020 · 1 min read

हक दुश्मन से मांग रहा है

हक दुश्मन से मांग रहा है….

हक दुश्मन से मांग रहा है
नाग अभी भी जाग रहा है….

मरा हुआ मत उसे समझना
मुर्गा बनकर बांग रहा है….

पता चला आखिर कपटी का
जो दुश्मन का काग रहा है…..

रहा पनपता कारण इसका
गद्दारों का लाग रहा है….

जाहिल, लम्पट, द्रोही, दंभी
करता घायल बाग रहा है….

हिंसा फैलाने के ख़ातिर
चलता लेकर आग रहा है….

निर्मल पावन इस धरती पर
सनकी काला दाग रहा है….

बहुत जरूरी हुआ भगाओ
भले नहीं वह भाग रहा है….

डाॅ. राजेन्द्र सिंह “राही’
सर्वाधिक सुरक्षित
दिनांक 18-10-2020

2 Likes · 271 Views
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