Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2023 · 1 min read

हकीकत पर तो इख्तियार है

हकीकत पर तो इख्तियार है
उन से कहो जाकर

ख्वाबों में ना आए तो जाने

205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all
You may also like:
अपनी स्टाईल में वो,
अपनी स्टाईल में वो,
Dr. Man Mohan Krishna
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Praveen Sain
गले लगाना पड़ता है
गले लगाना पड़ता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
डी. के. निवातिया
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
"किस पर लिखूँ?"
Dr. Kishan tandon kranti
अंजानी सी गलियां
अंजानी सी गलियां
नेताम आर सी
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
Kumar lalit
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
करी लाडू
करी लाडू
Ranjeet kumar patre
छलनी- छलनी जिसका सीना
छलनी- छलनी जिसका सीना
लक्ष्मी सिंह
// दोहा ज्ञानगंगा //
// दोहा ज्ञानगंगा //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
Anis Shah
गुलाब
गुलाब
Satyaveer vaishnav
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
लोकतंत्र का खेल
लोकतंत्र का खेल
Anil chobisa
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
Suryakant Dwivedi
अपने हर
अपने हर
Dr fauzia Naseem shad
A Hopeless Romantic
A Hopeless Romantic
Vedha Singh
2644.पूर्णिका
2644.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं साहिल पर पड़ा रहा
मैं साहिल पर पड़ा रहा
Sahil Ahmad
अच्छा ख़ासा तआरुफ़ है, उनका मेरा,
अच्छा ख़ासा तआरुफ़ है, उनका मेरा,
Shreedhar
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
सत्य कुमार प्रेमी
*हम नदी के दो किनारे*
*हम नदी के दो किनारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...