हक़ीक़त ने किसी ख़्वाब की हमने भी फ़िर आंखों को कोई नींद नहीं दी। हक़ीक़त ने किसी ख़्वाब की ताबीर नहीं दी।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद