Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2022 · 1 min read

हक़ीक़त का पास आना

हक्क़ीक़त का पास आना ।
ख़्वाबों का टूट जाना ।।
जियो ज़िन्दगी कुछ ऐसे ।
करे याद तुम्हें ये ज़माना ।।
तुममें हौसला है कितना ।
कभी खुद को आज़माना ।।
करो प्यार जब किसी से।
उसे उम्र भर निभाना ।।
मैं कहीं रहूं इस जहां में।
मुझे याद आ ही जाना ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

8 Likes · 134 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
लोग कहते रहे
लोग कहते रहे
VINOD CHAUHAN
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
पूर्वार्थ
माँ मुझे विश्राम दे
माँ मुझे विश्राम दे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
घर
घर
Dheerja Sharma
है जरूरी हो रहे
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
बाकी रह जाए याद में बाकी,
बाकी रह जाए याद में बाकी,
Dr fauzia Naseem shad
आहिस्ता उतरते - उतरते,
आहिस्ता उतरते - उतरते,
ओसमणी साहू 'ओश'
खुदा सा लगता है।
खुदा सा लगता है।
Taj Mohammad
दोहे- चार क़दम
दोहे- चार क़दम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*Colors Of Experience*
*Colors Of Experience*
Poonam Matia
शहर के लोग
शहर के लोग
Madhuyanka Raj
प्रेम में डूबे रहो
प्रेम में डूबे रहो
Sangeeta Beniwal
Love is hanging
Love is hanging
Otteri Selvakumar
मे कोई समस्या नहीं जिसका
मे कोई समस्या नहीं जिसका
Ranjeet kumar patre
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
बुरे लोग अच्छे क्यों नहीं बन जाते
Sonam Puneet Dubey
कभी लगे  इस ओर है,
कभी लगे इस ओर है,
sushil sarna
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
जी करता है...
जी करता है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"रहमत"
Dr. Kishan tandon kranti
गौर किया जब तक
गौर किया जब तक
Koमल कुmari
शायरों के साथ ढल जाती ग़ज़ल।
शायरों के साथ ढल जाती ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
Dushyant Kumar
सब भूल गये......
सब भूल गये......
Vishal Prajapati
बिना जिसके न लगता दिल...
बिना जिसके न लगता दिल...
आर.एस. 'प्रीतम'
अभिसप्त गधा
अभिसप्त गधा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
त्योहारों का देश
त्योहारों का देश
surenderpal vaidya
Loading...