Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2021 · 1 min read

हंसी है जो तुम्हारी

ये हंसी है जो तुम्हारी,
वह जिंदगी है हमारी।

ये दिल है जो तुम्हारा,
वही तो है मेरा सहारा।

ये आंखे है जो तुम्हारी,
वही तो राह दिखा रही।

ये चेहरा है जो तुम्हारा,
सब कुछ ले लिया मेरा।

ये चाल है जो तुम्हारी,
कही जान न लेले हमारी।

ये तड़पन है जो तुम्हारी,
वह तडपन अब हमारी।

ये कड़वाहट है जो तुम्हारी,
कही जिंदगी न लेले हमारी।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
माँ भारती के वरदपुत्र: नरेन्द्र मोदी
Dr. Upasana Pandey
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
Soniya Goswami
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
बदली है मुफ़लिसी की तिज़ारत अभी यहाँ
Mahendra Narayan
2598.पूर्णिका
2598.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जब सब्र आ जाये तो....
जब सब्र आ जाये तो....
shabina. Naaz
"टी शर्ट"
Dr Meenu Poonia
प्रकृति पर कविता
प्रकृति पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
शिव आराधना
शिव आराधना
Kumud Srivastava
अतिथि देवो न भव
अतिथि देवो न भव
Satish Srijan
हम भी तो देखे
हम भी तो देखे
हिमांशु Kulshrestha
मुद्दत से संभाला था
मुद्दत से संभाला था
Surinder blackpen
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम "नवल" हरदम ।
शेखर सिंह
ये रब की बनाई हुई नेमतें
ये रब की बनाई हुई नेमतें
Shweta Soni
स्त्री यानी
स्त्री यानी
पूर्वार्थ
" कैसा हूँ "
Dr Mukesh 'Aseemit'
तेरे मेरे बीच में
तेरे मेरे बीच में
नेताम आर सी
मैं निकल पड़ी हूँ
मैं निकल पड़ी हूँ
Vaishaligoel
वह देश हिंदुस्तान है
वह देश हिंदुस्तान है
gurudeenverma198
साथ
साथ
Neeraj Agarwal
एक बेजुबान की डायरी
एक बेजुबान की डायरी
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
मेरे सिवा अब मुझे कुछ याद नहीं रहता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राजनीति का नाटक
राजनीति का नाटक
Shyam Sundar Subramanian
संस्कारों की पाठशाला
संस्कारों की पाठशाला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पुष्प रुष्ट सब हो गये,
पुष्प रुष्ट सब हो गये,
sushil sarna
*रखिए जीवन में सदा, उजला मन का भाव (कुंडलिया)*
*रखिए जीवन में सदा, उजला मन का भाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं भी अपनी नींद लुटाऊं
मैं भी अपनी नींद लुटाऊं
करन ''केसरा''
कभी कभी जिंदगी
कभी कभी जिंदगी
Mamta Rani
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...